Trishna Maaya Lobh Mein LYRICS In Hindi


तृष्णा माया लोभ में
भटक रहा इंसान
नज़रों से खोने लगी
अपनों की पहचान

तृष्णा माया लोभ में
भटक रहा इंसान
नज़रों से खोने लगी
अपनों की पहचान
बस इसी बात का ही तोह रोना हैं
आदमी खिलौना हैं
आदमी खिलौना हैं

रब जो चाहे वही तोह होना हैं
रब जो चाहे वही तोह होना हैं
आदमी खिलौना हैं
आदमी खिलौना हैं.