Kasoor हिंदी लिरिक्रस

 Kasoor हिंदी लिरिक्रस

हाँ मैं गुमसुम हूँ
इन राहों की तरह
तेरे ख्वाबों में तेरी ख्वाहिशों में छुपा

ना जाने क्यों है रोज़ का सिलसिला
तू रूह की है दास्तान

तेरे ज़ुल्फ़ों की ये नमी
तेरी आँखों का ये नशा
यहाँ खो भी जाऊँ तो मैं
क्या कसूर है मेरा

क्यों ये अफ़साने
इन लम्हों में खो गए
हम घायल थे
इन लफ़्ज़ों में खो गए

थे हम अनजाने
अब दिल में तुम हो छुपे
हम हैं सेहर की परछाइयाँ

तेरे साँसों की रात है
तेरे होंठों की है सुबह
यहाँ खो भी जाऊँ तो मैं
क्या कसूर है मेरा
क्या कसूर है मेरा


तेरे झुलफ़ों की ये नमी
तेरी आँखों का ये नशा
यहाँ खो भी जाऊँ तो मैं
क्या कसूर है मेरा

तेरे साँसों की रात है
तेरे होंठों की है सुबह
यहाँ खो भी जाऊँ तो मैं
क्या कसूर है मेरा

क्या कसूर है मेरा
क्या कसूर है मेरा

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