Shiddat (Reloaded) हिंदी लिरिक्रस
चेहरा तेरा जब भी आये
मेरी आँखों के सामने
फिर से सताए वहम ये मुझे
शायद के तू था मगर
तो फिर क्यूँ
क्यूँ तू ना आये
हां तो फिर तू
क्यूँ ना आए क्यूँ ना आए
क्यूँ ना आये
ये खरा समुंदर मेरा गवाह है
इश्क है मेरा या मेरा गुनाह है
तुझको सजा और अदालत बना लूं
हां शिद्दत बना लूं तुझे
किस्मत बना लूं मेरी चाहत बना लूं
दिल से मैं मांगू इबादत बना लूं
छूटे कभी ना वो आदत बना लूं
हां शिद्दत बना लूं तुझे
क्यूँ बन गई तू मेरी जरूर
कैसे बनी क्या पता
इतना मेरा दिल कमज़ोर है क्या
मुझे नहीं था पता
कुछ तो संभाल तू
मैं क्या क्या संभालुं
रोते हुए दिल को
कैसे झट से मना लूं
पुछे अगर ये
तेरा नाम छुपा लूं
पर फिर क्या बातें उपयोग
किस्मत बना लूं मेरी चाहत बना लूं
दिल से मैं मांगू इबादत बना लूं
छोटे कभी ना वो आदत बना लूं
हां शिद्दत बना लूं तुझे
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