दुल्हन चली Dulhan Chali Song Lyrics In Hindi

 दुल्हन चली Dulhan Chali Song Lyrics In Hindi

पूरब में सूरज ने छेड़ी
जब किरणों की.. शेहनाई
चमक उठा सिन्दूर गगन पे..
पच्छिम तक, लाली.. छाई

ह्म्म्म.. ह्म्म्म..

दुल्हन चली, हाँ पहन चली
होरे दुल्हन चली, हो पहन चली
तीन रंग की चोली

बाहों में लहराए गंगा, जमुना
देख के दुनिया डोली
दुल्हन चली हो पहन चली
तीन रंग की चोली

ताजमहल जैसी, ताजा है सूरत
चलती फिरती, अजंता की मूरत
मेल मिलाप की, मेहेंदी रचाए..

बलिदानों की रंगोली
दुल्हन चली

आँ…आँ.. हो.. ओ.. हो..हो..

मुख चमके ज्यूँ, हिमालय की चोटी
हो ना पड़ोसी की, नियत खोटी
ओ घर वालों ज़रा, इसको संभालो..

ये तो है बड़ी भोली
दुल्हन चली, हो पहन चली
तीन रंग की चोली

आँ… आँ.. हो.. ओ..
आँ… आँ.. हो..ओ..

और सजेगी अभी, और संवरेगी
चढ़ती उमरिया है, और निखरेगी
अपनी आजादी की दुल्हनिया..

बीस के ऊपर होली
दुल्हन चली, हो पहन चली
तीन रंग की चोली

देश प्रेम ही आजादी की, दुल्हनिया का वर है
इस अलबेली दुल्हन का, सिंदूर सुहाग अमर है
माता है कस्तूरबा जैसी.. बाबुल गाँधी जैसे

चाचा इसके नेहरु, शास्त्री..
डरे ना दुश्मन कैसे
वीर शिवाजी जैसे वीरेन
लक्ष्मी बाई बहना
लक्ष्मण जिसके बोध, भगत सिंह
उसका फिर क्या कहना

जिसके लिए जवान बहा सकते हैं, खून की गंगा
जिसके लिए जवान बहा सकते हैं, खून की गंगा
आगे पीछे तीनो सेना लेके चले तिरंगा..

सेना चलती है, लेके तिरंगा
हो कोई हम प्रान्त के वासी
हो कोई भी भाषा भाषी..इ..
सबसे पहले हैं भारतवासी

सबसे पहले हैं भारतवासी
हो..ओ..

सबसे पहले हैं भारतवासी
सबसे पहले हैं भारतवासी
सबसे पहले हैं भारतवासी

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