ज़ालिमा कोका कोला हिंदी लिरिक्रस
अरे चली चली
हाय किधर चली
अरे ओ मनचली
ओ अनारकली
ऐसे लचक लचक के
मटक मटक के भटक रही तू गली
तेरे ठुमके पे झुमके
झूम झूम के
दिल में उठाये खलबली
चांदी जैसा रंग है मेरा
सोने जैसे बाल
खबर मेरी सारी दुनिया को
तू ही ना पूछे हाल
हाँ चांदी जैसा रंग है मेरा
सोने जैसे बाल
खबर मेरी सारी दुनिया को
तू ही ना पूछे हाल
तुझ बिन तन्हा पड़ गयी मैं
हाय प्यासी ही मर गयी मैं
थोड़ी सी ठंडक मेरे भी
कलेजे को दिला दे
जालिम कोका कोला पिला दे
जालिम कोका कोला पिला दे
आग तूने जो लगायी बुझा दे
ज़ालिम
काहे को ऐसे रोके दिल बेकार जी
तेरी ही खातिर
बैठी हूँ मैं तैयार जी
माँगूँ ना गेहना तुझे हीरा मोती वाला
काहे कहूँ की कोई जोड़ा सिला दे
ज़ालिम
जालिम कोका कोला पिला दे
जालिम कोका कोला पिला दे
आग तूने जो लगायी बुझा दे
ज़ालिम
जालिम कोका कोला पिला दे
जालिम कोका कोला पिला दे
आग तूने जो लगायी बुझा दे
ज़ालिम
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