Saazish हिंदी लिरिक्रस

 Saazish हिंदी लिरिक्रस

टूटा एक तारा
घूम गया है बादों के पीछे
जाने की हो जैसे उसे जल्दी

तुम भी कुछ मांग लो
जो है मन में तुम्हारे
जाना हो ना जाए कहीं
तुम्हें देरी

शायद ऐसा मौका
मिले ना मिले फिर
रह जाए अधूरी ख्वाहिश

हो क्या पता हो ये की
सितारों की हमको
मिलाने की कोई साज़ीश

तू साथ अगर है
तो कागज़ की कश्ती
तैर जाएगी

तू नहीं तो ये कहानी
ताश के पत्तों सी
बिखर जाएगी

बज़्म में बीती जो रातें
अगले ही पल में बदल जाएगी
रात के अंधेरे सन्नाटों में
चुपके से कानो में लोरी की तरह

तेरी हर कहानी पे
नई या पुरानी पे
भरूं हां में हां

मधम मधम उत्तरा चंदा
दे गया सहर

शायद ऐसा मौका
मिले ना मिले फिर
रह जाए अधूरी ख्वाहिश

हो क्या पता हो ये कि
सितारों की हमको
मिलाने की कोई साज़ीश

देखो ये कैसी रुत है
हम दोनो ही चुप है
किसे था पता ले आएंगे यहां
ये रास्ते सभी

फिर कभी तुमसे लेंगे वादा
कर दोगी ना किसे था पता
ले आएंगे यहां ये रास्ते सभी

हम्म मम्म..

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